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सरलजी ने 12 देशों की खाक छानकर लिखा सुभाष–उपन्यास : ‘जय–हिन्द’
जय–हिन्द को लेखक श्रीकृष्ण सरल ने ऐतिहासिक घटनाओं का औपन्यासिक प्रस्तुतिकरण कहा है। सुभाषचन्द्र बोस और आजाद हिन्द फौज के समस्त क्रियाकलापों

धरमवीर 'धरम'
23 जन॰


श्रीकृष्ण सरल कृत ‘विवेकाञ्जलि’ : भारतीय संस्कृति का वसीयतनामा
श्रीकृष्ण सरल के गीतों में भावों को स्पष्ट रूप में प्रगट करने की क्षमता है। अध्यात्म जैसे गूढ़ विषय को सरल कविता में बाँधकर सामान्य जन का कण


साहित्यिक दधीचि थे श्रीकृष्ण सरल
शौर्य, वीरता के अमर गायक श्री श्रीकृष्ण सरल का निधन 2 सितम्बर 2000 को 81 वर्ष की अवस्था में उज्जैन में हो गया।अमर शहीदों के चारण की भूमिका..

डॉ. सन्तोष व्यास
5 जन॰


एक जीवित शहीद : श्रीकृष्ण सरल
महान क्रान्तिकारी परमानन्दजी कहते हैं–
“सरलजी ‘जीवित शहीद’ हैं। उनकी साहित्य साधना तपस्या कोटि की साधना है।

डॉ. विकास दवे
25 दिस॰ 2024


शहीदों का चारण : उनकी यश–गाथा गाते–गाते चला गया
सरलजी ने 20–20 घण्टे लगातार बैठकर क्रान्तिकारियों पर लिखा और रक्त की एक–एक बूंद सुखाकर जो कर्ज राष्ट्र ने खाया था उसे चुकाने का प्रयत्न किया

कृष्णकुमार अष्ठाना
17 दिस॰ 2024


सरलजी के गीतों का काव्य सौन्दर्य
सर्वविदित है कि महाकवि श्रीकृष्ण 'सरल' की काव्य चेतना का मूल–स्वर राष्ट्रीयता है। उनके उपर्युक्त गीतों में युवा पीढ़ी का प्रबोधन भी इसी दृष्

डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र
14 दिस॰ 2024


क्रान्तिरथी ब्लॉग
भारतीय क्रान्तिकारियों पर केन्द्रित प्रामाणिक लेख, संस्मरण, शोधपत्र आदि को वेबसाइट पर 'क्रान्तिरथी ब्लॉग' के माध्यम से सहेजा जा रहा है।


प्रोफेसर श्रीकृष्ण सरल : क्रान्ति-चेतना के अनवरत संघर्षशील व अपराजेय योद्धा
राष्ट्र के एक सच्चे सपूत एवं क्रान्ति-चेतना के वाहक के रूप में कर्तव्यपरायणता का निर्वाह करनेवाले अनवरत संघर्षशील, अपराजेय योद्धा की भाँति

डॉ. अन्नपूर्णा सिसोदिया
2 नव॰ 2024


क्रान्तिकारी लेखन करनेवाले प्रोफेसर श्रीकृष्ण सरल के साहित्य में सर्वत्र देश की मिट्टी बोलती है
श्रीकृष्ण सरल की कविता कुर्सी पर बैठकर की गई टेबल-ड्राफ्टिंग नहीं है बल्कि प्रमाण जुटाने के लिए जगह-जगह खाक छानकर शूल-पत्थरों से लहू-लुहान..

डॉ. प्रेम भारती
30 जुल॰ 2023


महाकवि श्रीकृष्ण सरल का महाकाव्य ‘तुलसी–मानस’ : रामचरित मानस का पुनर्सृजन ही है
श्रीकृष्ण सरल द्वारा रामचरित मानस के इस पुनर्सृजन में मानस के भीतर एक मानस है, जिसमें रामकथा का संक्षिप्त,सुन्दर, सर्वांग स्वरूप नए क्षितिज

डॉ. भगवानस्वरूप चैतन्य
11 मई 2023


उज्जैन में माँ विद्यावती द्वारा शहीद भगत सिंह पर विश्व के प्रथम महाकाव्य का ऐतिहासिक लोकार्पण
उज्जैन के लिए ऐतिहासिक दिन था, जब राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल के महाकाव्य सरदार भगत सिंह के लोकार्पण के लिए माँ विद्यावती देवी उज्जैन पधारी थीं

डॉ. रमेश चंद्र
22 अप्रैल 2023


स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी साहित्य की भूमिका- विभिन्न साहित्यकारों के परिप्रेक्ष्य में
स्वतंत्रता के इस महायज्ञ में समाज के प्रत्येक वर्ग ने अपने-अपने तरीक़े से बलिदान दिए और साहित्यकार तो सदा से ही चिंतन का स्रोत रहा है, तो भल

डॉ. स्वाति चड्ढा
11 मार्च 2023


एक जाति-वैद्य के हवाले से
आत्मवंचना से बच
परकीयों के प्रपंच को पहचान
धर्मांतरण का प्रतिफल राष्ट्रान्तरण!
और राष्ट्रान्तरण किसी दूसरे का नहीं
अपना मरण है !

डॉ. देवेन्द्र दीपक
24 फ़र॰ 2023


क्रांतिकारियों का शहज़ादा : अशफ़ाक़-उल्ला खा़ँ
अशफ़ाक़ और पं.रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ में गहरी दोस्ती थी और वह अपना अधिकांश समय उनके साथ शाहजहांपुर के आर्य समाज मंदिर में बिताता था। एक बार...


श्रीकृष्ण सरल ने राष्ट्रीय-संत के समान लालसाविहीन जीवन जिया था
राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल भारत के महान राष्ट्रीय-संत विनोबा भावे की ही तरह लालसाविहीन जीवन जीते रहे एवं समाज व राष्ट्र की उन्नति के लिए अपना

जगदीश शर्मा 'सहज'
16 अक्टू॰ 2022


राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल : साहित्य एवं लोकमानस की शुभकामनाएं ही उनकी धरोहर रही है
साहित्य और साहित्यकार जो राष्ट्र को समर्पित हो, ऐसे ही संदर्भ की जब बात निकलती है तो बस एक नाम मानस पटल पर आता है, वह है - ‘श्रीकृष्ण सरल'

डॉ. लता अग्रवाल 'तुलजा'
2 अक्टू॰ 2022
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