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के बारे में
डॉ विकास दवे
सम्प्रति मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के चार वर्षों से निदेशक है। हिन्दी साहित्य में एम.ए., एम.फिल एवं पीएच.डी की उपाधियाँ प्राप्त कर अपना सम्पूर्ण जीवन साहित्य सेवा को समर्पित कर दिया। आपका जन्म 03.05.1969 को राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव निनोर में हुआ। सदस्यता : साहित्य अकादमी, सामान्य परिषद् सदस्य मध्यप्रदेश राज्य प्रतिनिधि
सर्वाधिक लोकप्रिय बाल पत्रिका देवपुत्र के आप 32 वर्षों से यशस्वी सम्पादक है। साथ ही साक्षात्कार सहित दस अन्य साहित्यिक पत्रिकाओं के सम्पादन का सबल दायित्व का भी निर्वहन कर रहे हैं। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में 2500 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन, आकाशवाणी व दूरदर्शन से बाल कथाओं, साक्षात्कारों व वार्ताओं का प्रसारण, राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय गोष्ठियों में पत्रकारिता व बाल पत्रकारिता के विभिन्न विषयों पर 3000 से अधिक प्रभावी व्याख्यान, बाल पत्रकारिता एवं बाल साहित्य पर 88 से अधिक एम.फिल और पीएच.डी शोधार्थियों का सार्थक निर्देशन जैसी अनेक गौरवशाली उपलब्धियाँ आपके नाम अंकित है जिन्हें इस लघु विवरण में समेटना दुष्कर है।
प्रौढ़ साहित्य एवं बाल साहित्य की विभिन्न विधाओं में करीब 30 उत्कृष्ट मौलिक पुस्तकें एवं 160 सम्पादित पुस्तकें आपकी विराट विद्वत्ता को प्रमाणित करती है। 150 से अधिक विशिष्ट साहित्यिक सम्मानों यथा- पेरिस विश्व साहित्य सम्मेलन में साहित्य गौरव सम्मान, फिजी विश्व हिन्दी सम्मेलन में साहित्य सेवा सम्मान आदि से विभूषित आप मधुर मुस्कान, सरलता, मिलनसारिता, ओजस्वी वाणी व सुदर्शन व्यक्तित्व के धनी हैं। सचमुच आप साहित्य जगत के गौरव है। पत्र लेखन विधा की पुस्तक 'पाती बिटिया के नाम' के लिए वे सलिला संस्था द्वारा 'सलिला साहित्य रत्न' से अलंकृत हैं।
डॉ. विकास दवे
निदेशक मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, सम्पादक देवपुत्र