सरल–काव्यांजलि ब्लॉग
top of page
खोज करे
राष्ट्रकवि प्रो.श्रीकृष्ण सरल को रस–सिद्ध कवि के रूप में साधक कवियों द्वारा कविताओं के माध्यम से दी गई श्रद्धांजलि है 'सरल–काव्यांजलि' ब्लॉग
डॉ. प्रेम भारती | साहित्यकार एवं शिक्षाविद
- 30 जुल॰ 2023
क्रान्तिकारी लेखन करनेवाले प्रोफेसर श्रीकृष्ण सरल के साहित्य में सर्वत्र देश की मिट्टी बोलती है
श्रीकृष्ण सरल की कविता कुर्सी पर बैठकर की गई टेबल-ड्राफ्टिंग नहीं है बल्कि प्रमाण जुटाने के लिए जगह-जगह खाक छानकर शूल-पत्थरों से लहू-लुहान..
890
डॉ. भगवानस्वरूप चैतन्य
- 11 मई 2023
महाकवि श्रीकृष्ण सरल का महाकाव्य ‘तुलसी–मानस’ : रामचरित मानस का पुनर्सृजन ही है
श्रीकृष्ण सरल द्वारा रामचरित मानस के इस पुनर्सृजन में मानस के भीतर एक मानस है, जिसमें रामकथा का संक्षिप्त,सुन्दर, सर्वांग स्वरूप नए क्षितिज
440
डॉ. रमेश चंद्र
- 22 अप्रैल 2023
उज्जैन में माँ विद्यावती द्वारा शहीद भगत सिंह पर विश्व के प्रथम महाकाव्य का ऐतिहासिक लोकार्पण
उज्जैन के लिए ऐतिहासिक दिन था, जब राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल के महाकाव्य सरदार भगत सिंह के लोकार्पण के लिए माँ विद्यावती देवी उज्जैन पधारी थीं
420
डॉ. पुरुषोत्तम पाटील
- 17 मार्च 2023
श्रीकृष्ण सरल कृत प्रबंध काव्य ‘अजेय सेनानी–चंद्रशेखर आज़ाद’ राष्ट्र चेतना का जीवंत अभिलेख
किसी कवि के लिए इससे बड़ा आदेश, इससे बड़ा आशीर्वाद और क्या हो सकता है कि स्वयं राष्ट्रमाता उन्हें यह आदेश दे रही हों। महाकवि श्रीकृष्ण सरल..
380
डॉ. स्वाति चड्ढा
- 11 मार्च 2023
स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी साहित्य की भूमिका- विभिन्न साहित्यकारों के परिप्रेक्ष्य में
स्वतंत्रता के इस महायज्ञ में समाज के प्रत्येक वर्ग ने अपने-अपने तरीक़े से बलिदान दिए और साहित्यकार तो सदा से ही चिंतन का स्रोत रहा है, तो भल
610
अनीता करकरे
- 2 मार्च 2023
मिटी जा रही जाति किंतु, तुम भूल रहे हो भूलों में
उठो उठो ! भारत के प्रेमी, हृदय धरो जाति का ध्यान ।
अपनी हिन्दजाति के द्वारा, गाओ भारत का तुम गान ।
420
डॉ. देवेन्द्र दीपक
- 24 फ़र॰ 2023
एक जाति-वैद्य के हवाले से
आत्मवंचना से बच
परकीयों के प्रपंच को पहचान
धर्मांतरण का प्रतिफल राष्ट्रान्तरण!
और राष्ट्रान्तरण किसी दूसरे का नहीं
अपना मरण है !
490
क्रांतिकारियों का शहज़ादा : अशफ़ाक़-उल्ला खा़ँ
अशफ़ाक़ और पं.रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ में गहरी दोस्ती थी और वह अपना अधिकांश समय उनके साथ शाहजहांपुर के आर्य समाज मंदिर में बिताता था। एक बार...
660
डॉ. स्नेहलता श्रीवास्तव
- 11 फ़र॰ 2023
श्रीकृष्ण सरल के काव्य की कालजयी अभिप्रेरणाएँ
श्रीकृष्ण सरल एक ऐसा अनुपम व्यक्तित्व थे जो कहने को तो एक शिक्षक रहे, पर उन्होंने मुख्य भूमिका इतिहासकार एवं साहित्यकार की निभाई।
4571
आचार्य देवेन्द्र देव
- 8 फ़र॰ 2023
गीत : हम कल का इतिहास लिखेंगे
शब्द-साधक ब्लॉग श्रृंखला में राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल पर महाकाव्य 'शंख महाकाल का' लिखनेवाले आचार्य देवेंद्र देव का गीत प्रस्तुत है।
580
डॉ. सरोज मालपानी
- 26 नव॰ 2022
महाकवि श्रीकृष्ण सरल की दृष्टि में सांस्कृतिक चेतना ही साहित्य को जन-उपकारक बनाती है
महाकवि श्रीकृष्ण सरल का वैचारिक निदर्शन स्पष्ट है - संवेदनशील साहित्यकार सामायिक सत्य का मूक दृष्टा ही नहीं होता, सजग-सचेत सृष्टा भी होता है
1821
bottom of page