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सरलजी ने 12 देशों की खाक छानकर लिखा सुभाष–उपन्यास : ‘जय–हिन्द’
जय–हिन्द को लेखक श्रीकृष्ण सरल ने ऐतिहासिक घटनाओं का औपन्यासिक प्रस्तुतिकरण कहा है। सुभाषचन्द्र बोस और आजाद हिन्द फौज के समस्त क्रियाकलापों

धरमवीर 'धरम'
23 जन॰


एक जीवित शहीद : श्रीकृष्ण सरल
महान क्रान्तिकारी परमानन्दजी कहते हैं–
“सरलजी ‘जीवित शहीद’ हैं। उनकी साहित्य साधना तपस्या कोटि की साधना है।

डॉ. विकास दवे
25 दिस॰ 2024


शहीदों का चारण : उनकी यश–गाथा गाते–गाते चला गया
सरलजी ने 20–20 घण्टे लगातार बैठकर क्रान्तिकारियों पर लिखा और रक्त की एक–एक बूंद सुखाकर जो कर्ज राष्ट्र ने खाया था उसे चुकाने का प्रयत्न किया

कृष्णकुमार अष्ठाना
17 दिस॰ 2024


सरलजी के गीतों का काव्य सौन्दर्य
सर्वविदित है कि महाकवि श्रीकृष्ण 'सरल' की काव्य चेतना का मूल–स्वर राष्ट्रीयता है। उनके उपर्युक्त गीतों में युवा पीढ़ी का प्रबोधन भी इसी दृष्

डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र
14 दिस॰ 2024


क्रान्तिरथी ब्लॉग
भारतीय क्रान्तिकारियों पर केन्द्रित प्रामाणिक लेख, संस्मरण, शोधपत्र आदि को वेबसाइट पर 'क्रान्तिरथी ब्लॉग' के माध्यम से सहेजा जा रहा है।


शब्द–साधक ब्लॉग
हिन्दी साहित्यकारों के चयनित लेख, संस्मरण, शोधपत्र आदि को वेबसाइट पर शब्द–साधक ब्लॉग के माध्यम से सहेजा जा रहा है। राष्ट्रीय–चेतना/ अध्यात्म


प्रोफेसर श्रीकृष्ण सरल : क्रान्ति-चेतना के अनवरत संघर्षशील व अपराजेय योद्धा
राष्ट्र के एक सच्चे सपूत एवं क्रान्ति-चेतना के वाहक के रूप में कर्तव्यपरायणता का निर्वाह करनेवाले अनवरत संघर्षशील, अपराजेय योद्धा की भाँति

डॉ. अन्नपूर्णा सिसोदिया
2 नव॰ 2024


क्रान्तिकारी लेखन करनेवाले प्रोफेसर श्रीकृष्ण सरल के साहित्य में सर्वत्र देश की मिट्टी बोलती है
श्रीकृष्ण सरल की कविता कुर्सी पर बैठकर की गई टेबल-ड्राफ्टिंग नहीं है बल्कि प्रमाण जुटाने के लिए जगह-जगह खाक छानकर शूल-पत्थरों से लहू-लुहान..

डॉ. प्रेम भारती
30 जुल॰ 2023


उज्जैन में माँ विद्यावती द्वारा शहीद भगत सिंह पर विश्व के प्रथम महाकाव्य का ऐतिहासिक लोकार्पण
उज्जैन के लिए ऐतिहासिक दिन था, जब राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल के महाकाव्य सरदार भगत सिंह के लोकार्पण के लिए माँ विद्यावती देवी उज्जैन पधारी थीं

डॉ. रमेश चंद्र
22 अप्रैल 2023


श्रीकृष्ण सरल कृत प्रबंध काव्य ‘अजेय सेनानी–चंद्रशेखर आज़ाद’ राष्ट्र चेतना का जीवंत अभिलेख
किसी कवि के लिए इससे बड़ा आदेश, इससे बड़ा आशीर्वाद और क्या हो सकता है कि स्वयं राष्ट्रमाता उन्हें यह आदेश दे रही हों। महाकवि श्रीकृष्ण सरल..

डॉ. पुरुषोत्तम पाटील
17 मार्च 2023
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